भारत और रूस की सेना बंगाल की खाड़ी में करेगी युद्धाभ्यास


भारत और रूस मौजूदा सुरक्षा चुनौतियों से निपटने की तैयारी की ओर अग्रसर हैं। दोनों देशों की नौसेनाएं बंगाल की खाड़ी में चार और पांच सितंबर को 'इंद्र युद्धाभ्यास' करेंगी। इस बीच, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी बुधवार को शंघाई सहयोग संगठन की अहम बैठक में शामिल होने के लिए रूस जा रहे हैं। वह चार को बैठक में शामिल होने के बाद पांच तारीख को भारत वापस लौटेंगे। भारत और रूस की नौसेना के बीच ऐसे समय में युद्धाभ्यास होने वाला है जब सीमा विवाद को लेकर भारत और चीन के बीच तनाव अपने चरम पर है। इस युद्धाभ्यास के दौरान सतह और हवा में लक्ष्य को भेदने के साथ ही चीनी नौसेना की गतिविधियों में इजाफे को देखते हुए भारतीय नौसेना ने भी हिंद महासागर में अपनी उपस्थिति दर्ज करानी शुरू कर दी है।


बंगाल की खाड़ी में हंबनटोटा से मलक्का स्ट्रेट्स तक रूसी नौसेना के जहाजों के गुजरने के दौरान दोनों देशों की नौसेना 4-5 सितंबर 2020 को पासेक्‍स के रूप में अभ्‍यास करेंगी। इंद्र युद्धाभ्यास वर्ष 2005 से भारत और रूस की सेनाओं के बीच होता आ रहा है। 2017 के बाद से दो वर्षों में एक बार संयुक्त रूप से तीनों सेना का अभ्यास इंद्र आयोजित किया जा रहा है। दोनों देशों की नौसेना पहले व्लादिवोस्तोक (रूस) में अभ्‍यास करने वाली थीं लेकिन कोविड 19 के कारण इसे स्थगित कर दिया गया है। इसके बजाय रूसी नौसेना ने दो नावों के बीच निरंतरता को बनाए रखने के लिए बिना संपर्क में आए समुद्र में अकेले यात्रा अभ्‍यास आयोजित करने का प्रस्ताव रखा है। इसी अहम समय में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह रूस जा रहे हैं। वह वहां चार सितंबर को शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में शामिल होंगे।