लॉक डाउन. 3 में मिली ढील का असर सड़कों पर साफ देखा जा सकता है। तीन दिन पहले जहां सड़कों पर गिनी चुनी गाड़ियां दिख रही थी। वहां ढील मिलने के बाद सड़कों पर जाम जैसी स्थिति बनी हुई है। इसके चलते हैं पेट्रो पदार्थों की डिमांड भी लगातार बढ़ रही है। तीन दिन में ही पेट्रोल और डीजल की खपत लॉक डाउन.2 के मुकाबले लगभग चार गुना पहुंच गई है।
देहरादून में मौजूदा समय में 75 पेट्रोल पंप संचालित हो रहे हैं। इसमें अकेले शहर क्षेत्र में लगभग 50 पेट्रोल पंप मौजूद हैं। आम दिनों में इन पेट्रोल पंप की खपत औसतन 6000 लीटर प्रति पेट्रोल पंप है। अलग-अलग पेट्रोल पंपों पर एक दिन में साढ़े 3000 लीटर से लेकर 10000 लीटर पेट्रो पदार्थ रोजाना बिकते हैं, लेकिन जनता कर्फ्यू के बाद से लगातार पेट्रो पदार्थों की मांग में कमी आई है। पेट्रोल पंप विक्रेताओं का कहना है कि लॉक डाउन.2 तक पेट्रो पदार्थों की मांग 90 फीसदी तक घट गई थी। बीते रविवार तक पेट्रोल पंपों पर औसतन 600 लीटर प्रति पेट्रोल पंप की बिक्री ही हुई इसमें कई पेट्रोल पंपों पर मात्र 200 लीटर की तक बिक्री रही। यानी दून में अब पेट्रो पदार्थों की मांग औसत 45000 लीटर के करीब ही रह गई थी। लेकिन सोमवार से इसमें लगातार उछाल आया है।
पेट्रो पदार्थों की बिक्री 21 सौ लीटर प्रति पेट्रोल पंप पार पहुंच गयी है। इसमें कई पेट्रोल पंप ऐसे भी हैं जहां 1000 लीटर प्रति दिन और कई में साढ़े चार हजार लीटर प्रति दिन की बिक्री हो रही है। बढ़ी हुई आवाज आई और पेट्रो पदार्थों की खपत कम होने के चलते हैं जहां एक दफा पर्यावरण प्रदूषण का स्तर गिर गया था वहां अचानक आवाजाही बढ़ने से प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ने लगा है। सचिन गुप्ता (सचिव, देहरादून पेट्रोल पंप वेलफेयर एसोसिएशन) का कहना है कि पिछले तीन दिनों में पेट्रो पदार्थों की मांग बढ़ गई है। रविवार आम दिनों के मुकाबले 10 फीसद भी डिमांड नहीं रह गई थी। लेकिन अब हर दिन औसतन सामान्य दिनों के हिसाब से 35 फीसदी से ज्यादा सेल हो रही है। स्थित पूर्ण तरीके से सामान्य होने तक यही औसत बना रहेगा।