रोजी-रोटी की खातिर अपनी माटी से दूर रह रहे युवा कोरोना महामारी के संकट में अपने वतन लौटना चाहते हैं। कुमाऊं से करीब 65 हजार लोगों ने घर वापसी के लिए आवेदन किया है। उत्तराखंड से करीब 1.37 लाख लोग दूसरे राज्यों में फंसे हैं। कुमाऊं के युवा रोजगार के लिए पूरे देश का रुख करते हैं। इस समय जब कोरोना महामारी ने जीवन को संकट में डाल दिया है तो लोग अपने गांव लौटने के लिए आतुर हैं। प्रदेश सरकार की ओर से उत्तराखंड वापसी के लिए जारी पोर्टल के रजिस्ट्रेशन के अनुसार कुमाऊं से 65 हजार युवा गांव लौटना चाहते हैं। यह संख्या लगातार बढ़ रही है। उत्तराखंड के युवा 36 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में फंसे हैं।
यहां फंसे हैं सर्वाधिक लोग
चंडीगढ़ 1091
दिल्ली 20344
गुजरात 3915
हरियाणा 10736
कर्नाटक 1309
महाराष्ट्र 6726
पंजाब 2908
राजस्थान 2282
उत्तर प्रदेश 11119
दिल्ली में फंसे 40 हजार उत्तराखंडी
उत्तराखंड के करीब 40 हजार लोग राजधानी दिल्ली में फंसे हैं। तीन हजार लोग अपने वाहनों से लौटना चाहते हैं, जबकि 37 हजार लोग घरों को लौटने के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट की राह देख रहे हैं। कुमाऊं के सर्वाधिक 20 हजार युवा दिल्ली में फंसे हैं।
उत्तराखंड के 1.37 लाख लोग दूसरे राज्यों में फंसे हैं। सरकार ने फंसे लोगों को वापस लाने का फैसला किया है, लेकिन इतने लोगों को वायरस से बचाते हुए वापस लाना चुनौतीपूर्ण है। बताया जा रहा है कि गांव लौटने के बाद लोगों को नजदीक के स्कूल, पंचायत घर में 14 दिनों के लिए क्वारंटान किया जाएगा। ग्राम प्रधान व ग्राम प्रहरी को इसके लिए निर्देश दिए जा रहे हैं।